!! एक शाम यूँही आसमान की छाओं में हम बैठे है कुदरत की बाहों में ये पानी का शोर जो कानों का संगीत है आज ज़िन्दगी का एक अलग ही रंग रूप है मैं मेरा मेरी मुझसे दूर अपने हर दिन की रुत से आज मौसम ये जीने का है ज़िन्दगी हर पल एक नगमा है हर रोज़ की मौत से दूर शहर की सोच से यहाँ न अपना न कोई दूसरा दुनिया-दारी से ...
ThePenDown is an emotion which has found its thought and the thought has found words