अक्सर याद आती हैं वो बातें
जाने क्यूँ इन यादों के साथ
अक्सर नम हो जाती हैं आँखें
अक्सर इक अनजानी सी
मायूसी छा जाती है
अक्सर ऐसे सन्नाटे में
कोई आवाज़ सुनाई पड़ती है
अक्सर एक जानी पहचानी
हसी सुनाई पड़ती है
अक्सर आँखों में आँसू और
लबों पर मुस्कुराहट दिखाई पड़ती है
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें ...
अक्सर चाय की प्याली एक
कश की याद दिलाती है
अक्सर ऐसे कश में जिन्दगी
सिमटी सी नज़र आती है
अक्सर चमकती धूप में भी
कोहरा दिखाई पड़ता है
अक्सर ऐसे कोहरे में इक
नशा सा छा जाता है
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें ...
अक्सर रात के पहर में
ठहाके सुनाई पड़ते है
अक्सर मुझे मेरे ख़्वाबों में
कुछ चेहरे दिखाई पड़ते है
अक्सर एक पुरानी तस्वीर
कुछ वादे याद दिला देती है
अक्सर कोई बहती हवा
उनका हाल-ए-दिल सुना जाती है
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें ...
अक्सर कभी बेवज़ह
लड़ने को दिल करता है
अक्सर कभी लड़ते लड़ते
हसने को दिल करता है
अक्सर यूँही बैठे बैठे
कुछ बातें ज़ुबाँ कह जाती है
अक्सर ऐसी बातें दिल को
दर्द-ए-सुकून दे जाती है
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें ...
अक्सर याद आता है वो पल
जब लाल पारी को छूते थे
काँच से काँच टकरा कर जब
अपने लबों से पीते थे
पीते थे हर शाम जाम जो
दोस्ती के नाम सिर्फ होता था
नशा फ़िर बोतल का कम
दोस्ती का ज्यादा होता था
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें ...
अक्सर एक तराना मुझको मेरे
लबों पर सुनाई पड़ता है
अक्सर बीता फ़साना मुझको
सपनों में दिखाई पड़ता है
अक्सर ऐसे ज़माने को फ़िर
जीने का दिल करता है
अक्सर ज़िन्दगी को उसी मोड़ पर
ले जाने का दिल करता है
अक्सर याद आते हैं वो लम्हे
अक्सर याद आती हैं वो बातें
जाने क्यूँ इन यादों के साथ
अक्सर नम हो जाती हैं आँखें
|| लेख़क : सौरव बंसल ||
Only two kind of people won't get this piece of art.
ReplyDelete1. Who never had friends
2. Who never understood friendship
This is such a beautiful poem baba. Loved it !!!
Thanks baba.. means a lot..
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